
नेपालके लौव संविधान २०७२ बनलपाछ मुलुक लौव दिशाम गैइल बा । संविधानके भावना, मर्म अनुरुप संघियताफे कार्यान्वयनम बा । उह संविधानह कार्यान्वयन कर्ना क्रमम हमार देशह सात प्रदेशम बाट्गैल बा । तीन चरणके निर्वाचन कर्टि स्थानिय, प्रदेश, संघ ओ राष्ट्रिय सभाके निर्वाचन हो स्याकल अवस्था बा । जनतनके मत बाम गठबन्धनम स्पष्ट बहुमत आइल बा । उह मतपरिणम अनुसार नेपाली काँग्रेसके सभापति शेरवहादुर देउवा प्रधानमन्त्रीमसे राजिनाम डेटिकी नेकपा (एमाले) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली नेपालके एक्चालीसौं प्रधानमन्त्रीके सपथ लेक सरकार विस्तार कर्ना क्रमम जुटल बाट ।
देउवा सरकार तीन अवधि चुनाउ करैलक् करौंडो रुपैया आपन कार्यकर्ता हुकन बत्लक, विनासोच समझके शहिद वृद्ध, दलित, अपाङ्ग, कर्मचारी कम उमेरके बृद्धभत्ताके निर्णय करल अवस्था बा । राज्यके ढुकुटी सव समाप्त हुइल अवस्थम बाम शक्ति सरकार चलैना अवस्थाम बा ।
सात प्रदेशके क्रमस प्रदेश १ से ७ टकके मुख्यमन्त्रीम शेरधरराई, लालबाबु रावत, डोरमणी पौडेल, पृथ्वीसुव्बा गरुङ, शंकर पोख्रेल, महेन्द्रवहादुर शाही, त्रिलोचन भट्ट चयन हुइल बाट । २ सय ७५ सदस्यीय प्रतिनीधिसभा सदस्यम १ सय ६५ प्रत्यक्ष ओ १ सय १० समानुपातिक प्रणालीमसे चुनगैल बाट । सरकार गठनके लाग १ सय ३८ सीट हुइलसे पुगठ । बाम गठबन्धनमसे चुनाउ लर्लक नेकपा एमालेके १ सय २१ नेकपा माओवादी केन्द्रके ५३ सीट कैक १ सय ७४ पुगठ । ओस्टक काँग्रेसके ६३, राष्ट्रिय जनमोर्चाके १, संघीय समाजवादी फोरमके १७, राष्ट्रिय जनता पार्टी नेपालके १६, नयाँ शक्तिके, नेमकीपा ओ स्वतन्त्रके १÷१ सीट जीटल बाट । पाँच पाँर्टीकेल राष्ट्रिय दलकेरुपम मान्यता पाइल बा । असिन अवस्थम बाम गठबन्धनके स्पष्ट बहुमत आइल बा । सरकार आव पाँच बर्षकेलाग बामपन्थीके स्थायी सरकारी चलाय जैटिबाट । देउवा सरकार तीन अवधि चुनाउ करैलक् करौंडो रुपैया आपन कार्यकर्ता हुकन बत्लक, विनासोच समझके शहिद वृद्ध, दलित, अपाङ्ग, कर्मचारी कम उमेरके बृद्धभत्ताके निर्णय करल अवस्था बा । राज्यके ढुकुटी सव समाप्त हुइल अवस्थम बाम शक्ति सरकार चलैना अवस्थाम बा । असिन अवस्थाम नेपाली जनतनके मन मस्तिस्क अनेकन प्रकारके प्रश्न उब्जल बाटिन । शहरबजार चियापसल गाँउघरके बैठक, भेला समुहम मेलापात गैलम आप संघियता लागु हुइल । पाँच बर्षफे नैचलि कह ढिउर टिप्परी, सरकार चलैना गाह्रो बा । बामशक्ति एकता नैहुइ संघियता देशहन कङ्गाल बनाई ओ अन्नत संघियता पाँच वर्षसम्म नै टिक्कके खारेज हुइ कना ढिउर नेपाली जनतनके बीचम प्रश्न उब्जल बाटिन ।
भष्ट्रचारके एकसय बाइसो मुलकम गन गैलक नेपाल संघियता चल नैसेकी कना बात बडा बुद्धिजीविहुक्र फे कटि बाट । ढिउर देशम संघियता फेल हुइल अवस्था फेन बा कना बात अइटि बा । अन्तराष्ट्रिय समन्ध कइसीन हुइना, राष्ट्रिय कुटनीतिक कसिन हुइना, विदेशी समन्ध, अन्तरर्राष्ट्रिय अंसलग्न परराष्ट्रनीति कसिन हुइना ? राष्ट्रिय अन्तर्राष्ट्रिय पुजिनिर्माण करना सवालम नीति निर्देशन कसिके बनैना पारदर्शिता, शुसाशन, जवाफदेहिता बनैना सवालम कसिन कसिन नीति नियम बनैना ? राणाकालिन पाछ पञ्चायतकालिन समयठेसे बहुदल, गणतन्त्रसम हुइटि अइलक भष्ट्राचार हन कसिके न्यूनिकरण करटि समाप्त कर्ना ? यी विषयबस्तु सहि डगरम अन्न बहुट चूनौतिपुर्ण भर्खर बन्लक सरकारह बाटिस ।
संविधान बनैलक कारणसे नाकावन्दी भ्वाग पर्लिन । यी कारणसे केपीके सरकार राष्ट्रिय स्वाभीमानके सवालम नेकपा एमालेहन वहुट विश्वास कैक देशके सवसे वडा पार्टी बनैना आपन अभिमत जायज कैके देशके नेतृत्व कर्ना सरकारम पठाइल बाट ।
कर्मचारीहुकन सात प्रदेशम पठैना हुकन्क व्यवस्थापन करना सवाल, लौव दरवन्दी कर्ना सवाल अनुभवि कर्मचारी व्यवस्थापन कर्ना सवालमफे बहुट चूनौति डेखपरल बा । कर्मचारी सरकारहन सहयोग कर्ना सवलमफे चूनौति डेखा पर्टि बा । असिन अवस्था डेखपर्ना ब्याला बामशक्ति पाँच वर्ष समाजवाद हुइटि विकाशके समृद्धिके बात करटी स्थानिय, प्रदेश, केन्दम नेतृत्व कर जैटि बा । जनतन आशा ओ भरोसा करटि बाट । यी कर्नाफे स्वभाविक बात हो । का करकी राष्ट्रिय स्वभामिन बचाइकलाग केपीके पहिलाके सरकार लौव बनैलक संविधानहन छिमेकीमुलुक भातरहन मनैन पर्लक कारणसे नेपालीहुक्रहिन नाकाबन्दीके मारम परल रलहन । नेपालके संविधान नेपाली नै बनैना हो भारतके कपार नै बठैना हो । संविधान बनैलक कारणसे नाकावन्दी भ्वाग पर्लिन । यी कारणसे केपीके सरकार राष्ट्रिय स्वाभीमानके सवालम नेकपा एमालेहन वहुट विश्वास कैक देशके सवसे वडा पार्टी बनैना आपन अभिमत जायज कैके देशके नेतृत्व कर्ना सरकारम पठाइल बाट ।
यी भर्खर सरकारम गैलक नेताहुक्र आपन कन्ध्यम भारी भर्वा ब्वाकल बाट । आव यी भर्वा आपन गन्तव्य स्थान पुगाइ सेक्ठ की नैसेक्ठ यी चूनौतिहन अवसरके रुपम लिहपर्ना बहुट महुत्वपूर्ण रुपम लिहपर्ना बा । यी अवसरहन गुमैना हो कलसे फेन जनता एमालेके सरकारहन कबु नै पटैही । उहकारणसे यी अवसरहन आघ बह्राइकलाग लौव विकासहन संमृद्धिके दिशा आघ बह्राइललाग लौव नीति तथा कार्यक्रम लानपर्ना जरुरी बा । कुछ नीति निर्देशन बनाइ पर्ना जरुरी बा । एक युगम एक्चो उठलपुठल अइथा समय बहुट महत्वपुर्ण बा । बलवान वा समयफे घुमके नै आइट । यी समयहन अवसरके रुपम लेना जरुरी बा । उहओर्से एकजन्ह विद्धान स्थितिम जब्स कहिरख्ल,–‘जीवनम असाध्ये महिहन मनपर्ना बस्तु जौन बस्तुके कैनो म्वाल नै हुइस उहो समय, उहो ओर्से आपन समयके मौका छोटाके समयके सदुपयोग कर्टि अवसरके रुपम समयहन लिहपर्ना जरुरी बा ।’
माक्सवादी दर्शनअनुसार आवके समय कलक् उत्पादनके साधन ओ उत्पादक शक्तिके वीचकके संघर्ष हो । राजनैतिक संघर्ष ओराइल अवस्था हो । उत्पादनके साधन कलक प्रकृतिक साधन, बन जंगल, जमिन, जल, खनिज, पदार्थ आदि हो कलसे उत्पादनक शक्ति कलक् मानविय संसधान मेसिन आधुनिक औजार आठीके प्रयोग करपर्ना जरुरी डेखपर्ठा । मुलुकके विकासकेलाग मध्यम ओ उच्च स्तरिय शीपयुक्त जनशक्ति आवश्यक परठ । मुलुककेलाग जनशक्ति माग ओ पहिचान सर्वप्रथम विकसके क्षेत्र निर्धारण करपर्ठा । खुला बजारके प्रतिस्पस्र्धाम तुलनात्मक लाभ लिहसेक्ना जोड डेना जरुरी बा । भारत ओ चिन बडाभारी साधनश्रोतके क्षमता रलक वीचम हमार मुलुक प्रतिस्पर्धात्मकसे फे तुलनात्मक लाभलिह सेक्ना जरुरी बा ।
जननेता मदन भण्डारी आपन विचारम कहिरख्ल,–‘जत्रा इमान्दारी हुइलसेफे सत्ताम नै जाइटसम वाकर परीक्षा जाँच नै हुइट । सत्ताम गैलसेकेल के कट्रा इमान्दारी बा कना बात जाँच जनता कर पैठ ।’
कृषि पर्यटन जैबिक, विविधता, पर्वताोहन, जलश्रोत, बनपैदावार, लगायत क्षेत्रम विकासके मूलआधार मन्टि कृषि, खनिज, जडिवुटि, प्रविधियुक्त व्यवसायीक करण करैटि लैजाइपर्ना आवश्यक्ता बा । उत्पादनम बृद्धि, व्यवसायीकरण आयआर्जनम सुधार रोजगारीम विविधता सहितके अवसर दिगो विकाशके लाग दुरदर्शिता आवश्यक् परठ । याकरलाग दक्ष जनशक्ति ओ रोजगारयुक्त प्राविधिक व्यवसायीक शिपमुलक शिक्षाके जरुरी डेख परठ । श्रम रोजगार, क्षमता पहिचानहन उपयुक्त ढंगले परिचालन ओ व्यवस्थापन करपर्ना जरुरी डेख परठ । नीजिक्षेत्र सहकार्य ओ समन्ध, राष्ट्रिय योग्यता प्रस्वरुपके स्वकृति डेना बात, भष्ट्राचार १ सय २२ स्थानम रलक नेपालहन न्यूनिकरण कर्टि सुन्यम झर्ना काहन मुल प्राथमिक्ता डिहपर्ना जरुर बा । वाकरलाग सवसे पहिला केन्द्रमसे जो कार्वाहि आघ बह्राइ पर्ना बा । प्रशासन कर्मचारी राजनैतिक नेताहुक्र आपनहियसे सुरु करपर्ना जरुरी बा । यदि जाटटीसे यी संघियताहन बचैना हो कलसे दुरदर्शिता योजना राष्ट्रिय अर्थतन्त्र बल्गर बनैटि राष्ट्रिय पूंजि बल्गर बनैटि प्रदेश सभाहन साझा अवधारणा नीतिनियम तर्जुमा कर्टि शुसासन जवाफदेहिता, पारदर्शिता बनाइपर्ना जरुर बा । यी भर्वा भर्खर चुनगइलक बामपन्थीके जनप्रतिनीधिनके कन्ध्यम बाटिन । सहि ढंगले सहि गन्तव्यम पुगाइ पर्ना बाटिन । यी आवके समयके माग हो । यी समयहन अवसरके रुपम आवके जनप्रतिनीधिहुक्र लिहपर्ना जरुरी बा । समय आइट तर घुमके फेर उह समय नै आइट । उहओर्से यी समयहन सहि ढंगले सदुपयोग कर्टि सुशासन ओ समृद्धिके देशाम आघ वहर्ना जरुरी बा ।
जननेता मदन भण्डारी आपन विचारम कहिरख्ल,–‘जत्रा इमान्दारी हुइलसेफे सत्ताम नै जाइटसम वाकर परीक्षा जाँच नै हुइट । सत्ताम गैलसेकेल के कट्रा इमान्दारी बा कना बात जाँच जनता कर पैठ ।’ यी जाँचम सफल हुइकलाग फेन अखिसके सरकारम गैलक जनप्रतिनीधिहुक्र जनतनके कामकर्ना बहुट जरुरी बा । स्वच्छ राजनीतिज्ञ बन्ना जरुरी बा । यीहिन अवसरके रुपम लिहपर्ना आवश्यक बा । समय अत्यन्त महत्व ओ बलवान बा । समयफेर घुमके नै आइट । याकर सदुपयोग कर्टि स्थानिय निकाय प्रदेश सरकार ओ केन्द्रके समाजवाद ओ समृद्धि दिशाके जौन लक्ष्य ओ उद्देश्य वा यीहिन सफल बनैना आवके लौव सरकारम गैलक जनप्रतिनीधिके कन्ध्यम बाटिन । जनता यीह आश कर्ल बाट ।
(लेखकः नेकपा एमालेके संघिय मामिला विभागके केन्द्रीय सदस्य हुइट ।)



