संगठित पहल करी, थरुहट अनिवार्य बा (थारुभाषा)

लक्ष्मण थारु

लक्ष्मण थारु

जेलनेल, यातना, झुठ्ठा बनावटी मुद्दा स्वीकर्ती आन्दोलनके एक फरक मोर्चामे हमरे २५ जाने जेलमे बटी । यी फेन आन्दोलनके मोर्चा हो । खाली भौतिक शरीर कैद बा, तन, मन, सोच, चिन्ता, माया, सम्झना हमेशा हमेशाके यादगार पल अपनेनठनसंगे रहल अनुभूत कर्ठु, जे सडक सदनके शान्तिपूर्ण थरुहट आन्दोलनमे निरन्तर लागल बाटै ।

संघर्ष, आन्दोलन, मुक्ति कौनो खेलवाड या बचपनके रहर या सनक नै हो । यी ते असंख्य अस्वभाविक प्रतिकुलता सामना कर्ती हर कठिनसे कठिन घुम्ती पार कर्ती अपन लक्ष्यमे पुगी । बस अत्राकिल हो हिंसासे लक्ष्य प्राप्ति सम्भव नै हो । खाली शान्तिपूर्ण जनसहभागितामे अवश्य रहि । काहेकि हमारसंग अपने थारुहुकनके जनसंख्या २० लाख बा । हम्रिहिनहे सहयोग, समर्थन कैना, लिम्बुवान, खम्बुवान, तामासालिङ, मगरात, मधेशी, दलित, बाहुन, क्षेत्री लाखौलाख बाटै । दोसर महत्वपूर्ण सवाल हमार नेपालके सामाजिक महत्वके भूभागमे बसोबास बा ।

सुदूरपश्चिम अखण्ड प्रदेश बनाइबेर नौ जिल्लाके सात जिल्ला पहाड बा । जबकि ऊ सात जिल्लामे थारुकेबस्ती शुन्यप्रायः बा । सातु जिल्लामे थारुके राजनैतिक प्रतिनिधित्व शुन्य हुइ जाइठ ।

अमेरिकामे स्वेत काला निग्रो तीनसय बर्ष लगातार लडलैं । उ फेन जमिन्दारके डम्पीङसाइडके सरल गलल खाना खैलै । अफ्रिकन हप्सि लगातार सय बर्षसे ढेर लड्नै । महान नेलसन मण्डेलाके गोराके अङग्री नै सरलीन जेलमे । दशौहजार मुनै मने फेन सत्य नै हटल । बरु अहंकारी, आडम्बरी, शासकहुकन सकारात्मक ओ जनभावना स्वीकर्ना बाध्य बनाइल ।

अखण्ड अस्वीकार
पहिल संविधानसभा विघटन हुइल कैलाली, कञ्चनपुरके विवादसे । दोसर संविधानसभासे नयाँ संविधान घोषणा करेबेर ऊ मुद्दा ओ विवाद कायमे बा । अखण्ड सु.प नै स्वीकरठै थारु काहे ? यकर राजनैतिक, सामाजिक कारण दीर्घकालिन महत्वके बा । सुदूरपश्चिम अखण्ड प्रदेश बनाइबेर नौ जिल्लाके सात जिल्ला पहाड बा । जबकि ऊ सात जिल्लामे थारुकेबस्ती शुन्यप्रायः बा । सातु जिल्लामे थारुके राजनैतिक प्रतिनिधित्व शुन्य हुइ जाइठ । एकठो प्रदेशके दुई जिल्लामे सीमित थारु समुदाय फेनसे राजनैतिक दास बनजिही । ओस्टके अखण्ड राप्ती, अखण्ड लुम्बिनी, अखण्ड पूर्वाञ्चल । आखिर काहे असिन कर्ना खोज्टी बातैं त ? स्पष्ट बा । अहंकारी आडम्बरी पहाडे शासकीय मानसिकता थारुसमुदायहे टुक्रा टुक्रा विभाजन कैना चाहठ काहे ? उइनहे पटै बा । थारु सोझ, दयालु, पौरखी बाटै । हो हिमाल, पहाड, तराई जोरल प्रदेश सुन्लेसे बरा आनन्द लागठ । मने ऐतिहासिक पहिचानसंगे संवैधानिक कानुनी सवाल फरक विषय   हो । जौन उत्पीडित समाजके भविष्यसंग जोरल बा । नेपालके सन्दर्भमे थारु समाज सवसे उत्पीडित किल नै हुइट दासत्वके नारकीय कठिनाई भोगल तराई विखण्डकारी सोचसंग हम्रे थारु फेन सहमत नै हुई । अखण्ड नेपाल बनैना योगदान थारुहुकनके अहम बा । उत्तर, दक्षिणके प्रदेश बनाइबेर थारु सक्कु प्रदेशके दास बन्ही काहेकी सक्कु प्रदेशके पहाडी जिल्लामे वडासे जिल्लासमके राजनैतिक प्रतिनिधित्व शुन्य बा । सक्कु प्रदेशमे अल्पमतमे परना अहंकारी षड्यन्त्र नुक्वैना बरा मार्मिक नारा राष्ट्रवादके बात करटी बाटै । यी देशके वास्तविक राष्ट्रवादी के ? लम्मा समय सत्ताके भ्रष्ट पहाडियाहुक्रे जंगल बेच्लै, खोलानाला नदी बेच्लै, सिमा बेच्लै, का नै करलै यिने । यहे के.पी ओली, माधव नेपाल, देउवा, पौडेल राष्ट्रघाटी सम्झौता करल नै हुइट ? देश कंगाल बनुइया यिनेहे हुइट ? शासन प्रशासनके हाकिम के रहे ? अत्रा लम्मा समय ? गरिबी, बेरोजगारी, अभावके फाईदा उठैना प्रचण्ड आज कुवेर बनल बाटै ।

यी देशके वास्तविक राष्ट्रवादी के ? लम्मा समय सत्ताके भ्रष्ट पहाडियाहुक्रे जंगल बेच्लै, खोलानाला नदी बेच्लै, सिमा बेच्लै, का नै करलै यिने ।

देश संसारके कंगाल हुइनामे यहे पहाडिया शासकके भ्रष्ट अहंकारी, नियत नुक्नवाला नै हो । कत्रा स्विकरना अहंकार, दमन, उत्पीडन, जेलनेल, यातना ? झुठ्ठा बनावटी मुद्दामे कत्रा दिन रख्बो जेलमे ? बरा आनन्द हाइसन्चो हुई शासकहुकन । करो कत्रा करबो मनपरी । का कैना थारुहुकनके बस्ती तराईमे किल बा । अगर थारु नामके प्रदेश संगे त्रास बा कलेसे, कञ्चनपुरसे नवलपरासी समके प्रदेशहे लुम्बिनी गौतमबुद्ध राखी । प्रदेशके नाउँ ऊ फेन डर लागठ कलेसे देउवा, रावल, दहाल, पौडेल, प्रदेश राखौ ना नाउँ । मने थारुहुकन टुक्रा टुक्रा पारके पहाडके राजनैतिक शुन्यताके खेलमे हम्रिहिन दास बनैना कपोल्कल्पित राष्ट्रबादी नाराके बकवास बन्द करो । कत्रा करबो षड्यन्त्र ?

यहे बरा राष्ट्रवादीहे भारतसंग सिमाना जोरल प्रदेश हुइही परना रे । कत्रा प्यारो बा यीनके भारतसंगके दोस्ती छोट अर्ति लेहेकलाग दिल्ली जैना । पहाडे शासकहुक्रे थारुहुकन विखण्डनकारी राष्ट्रघाटी देख्ना ? यादरहे पाप लागी पशुपतिनाथ भगवान यहे नेपालमे बाटै ।

पहाडी ओ थारु बीचके भावनात्मक सम्बन्ध कैलाली, कञ्चनपुरलगायत तराईमे मजा बा । घर, खेत, आँगन, जोरल बा । आजकाल ते बिहेवारीफे ज्यादै हुइट । एक दोसरके चाडपर्व, मर्नी कर्नी, रमैना, सहभागिता मजै बा । मने काहे थारु पहाडी बीचके द्वन्द्व बढ्टी बा ? के बह्राइटा ? गम्भिरहोके सक्कुजे सोचीं । हिंसात्मक द्वन्द्वसे किहुहे शान्ति नै दि । केक्रो भलो नै हुइ । एक हातसे थोपरी नै बजी । थारुहुक्रे नजायज मुद्दा, राजनैतिक नारा उठैले नै हुइट । मने कहिहिक परी लम्मा समय दासताके पीडा भोगलओरसे पहाडी शासकहुकनसंग विश्वास करे नै सेकठुइट ।

अगर थारु नामके प्रदेश संगे त्रास बा कलेसे, कञ्चनपुरसे नवलपरासी समके प्रदेशहे लुम्बिनी गौतमबुद्ध राखी । प्रदेशके नाउँ ऊ फेन डर लागठ कलेसे देउवा, रावल, दहाल, पौडेल, प्रदेश राखौ ना नाउँ ।

शासन, प्रशासनके सक्कु निकायके प्रमुख ओहे भ्रष्ट अहंकारी, आडम्बरी बाटै स्वभाविक हो । दमन अत्यधिक बा । बन्दुक, जेलनेल, यातनाके त्राससे क्षणिक रुपमे त्रास उत्पन्न हुइना स्वभाविक हो । तबफेन थरुहट आन्दोलनके भविष्य   बा । असफल नै हुई ।

पुरा थारु समुदाय आपन राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, कानुनी, संवैधानिक अधिकारप्रति सचेत होगील बा । जनतनहे पता बा हमार मुद्दा माग जायज बा । तब फेन असिन संवेदनशील संक्रमणमे कहोर कहोर अपनहीहे कमजोर सम्झना नेतृत्वके मनोगत सोच ज्यादा जिम्मेवार बा । आन्दोलनके माग सरकारके घुम्ना कुर्सीसे किल पूरा हुई कना सोच रख्ना एकठो अवसरवादी नेतृत्व बा हमारसंग । दोसर बा सांसद रोस्तमसे एकचो बोलके टिभीमे हेरे मिललमे अपन पाला पूरा हुइल अहमता कैना संकिर्ण नेतृत्व बा हमारसंग । तेसर नेतृत्व बा, कुछ दिन डगर बन्द करलेसे, जुलुस निकारेबेर, सब कुछ रोडमे बिल्गाइट । चौठा बा, भर्खरके युवाजमात जे क्षणभरमे आन्दोलन सफल करना सोचट । ठोरचुनमे किल निरास हुइट । पाँचौ बा, पैसा कमाइ ओ ऊ पैसासे किल आन्दोलन कैना फाइदामुखी बलिदान सोचट ।

यावत अन्योलताके बीच जनआवाज सवाल, सक्षम नेतृत्वके पर्खाइमे बा । सडक, सदन, सरकारके मोर्चा समायोजन आवश्यक बा । पूर्व पश्चिमके समायोजन आवश्यक बा । थरुहट आन्दोलनसंगे अन्य आन्दोलनकारी हुकनसंगके सहकार्यके समायोजन आवश्यक बा । महिला, युवा, बुह्रवाहुकनके समायोजन आवश्यक बा । कुटनैतिक सम्बन्धके आवश्यकता बा । अन्तर्राष्ट्रिय प्रचारप्रसारके आवश्यक बा । तबफेन मुख्य सवाल नेतृत्व ओ जनताके हो । एकठो पार्टी, एकठो संघ, संस्था, एक्के नेतृत्वसे सब कुछ सम्भव नै हो । कुछ समय सान्दर्भिक पहलकदमी आवश्यक बा । ढुक्क हुई । आन्दोलन सफल हुई हुई ।

थरुहट आन्दोलन सफल हुइना कारण बा । (१) हमारसंग अपने जनसंख्या अत्याधिक बा । (२) आन्दोलनमे समर्थन, सहयोग कैना अन्य समुदाय बहुट बा । (३) संचार, प्रचार प्रसारके अभाव नै हो । (४) शिक्षित युवाजमात आन्दोलनमे सक्रिय हुइना तयार बा । (५) नेपालके द्वन्द्व व्यवस्थापन कैना थारुहुकनके जायज माग सम्बोधन हुइही परी । खाली अत्राकिल कमी बा संगठित पहलकदमीके ।

(कैलाली कारागारसे)

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