परिवार केहे टूटे न देहलजाय (थारु भाषा)

श्याम सि.टी.

परिवार ओके कहेलन जहाँ आपसी प्रेम भाव हो, अपनत्व हो, एक दूसरेके प्रति सम्मान हो तथा एक दूसरेके विकासके भाव हो । परिवाके सदस्य आपसमे एकदूसरेसे जुडल रहन, उनके बीच रिश्ताके के कौनो न कौनो डोर रहत जउन ओनहन आपसमे बन्हले रहत । इ रिस्ताके केन्द्र मे रहत । भावना जेकर कारण पारिवारिक रिशता मजबूत रहत । अगर आपसी भावनामे खटास होइ ते रिस्तामे दरार आए लागत आउर फिर परिवार यहोर ओहर यनि कि छिन्न भिन्न होइ लागत ।

परिवार केवल रक्त सम्बन्ध के ही नाइ रहत, बल्कि रक्त सम्बन्धसे परे भी परिवार विकसित होइ जाइत । यदि साथ रहेवाले सदस्यमे आपसमे विश्वास रही ते एक दुसरे के प्रति अच्छा भावना होइ ते प्रेम होइ ते एक दुसरे के प्रति सहयोग वा विकासके भाव होइ ते वहाँ भी परिवार बस जाइत । उदाहारण के लिए परिवार वहाँ भी बैठत जहाँ अनाथालय रहत । परिवार वहाँ भी बन जाइत जहाँ बृद्धाश्रम रहत । आउर परिवार वहाँ भी पनम जाइत जहाँ बच्चा हास्टेल मे पढे लिखेलन । जहाँ एकर विपरीत परिवार वहाँ विखर जाइत, जहँ लोगनके आपसी मन मुटाव होइत बात पर झगडा होइत एकदुसरे पर ताने कसे जाइत वहाँ जहाँ न एक दुसरे के प्रति सम्मान होइ आउर नही सहायोगके भाव रहत वहाँ विगडजाइत ।

परिवार वहाँ परिवेश हो जेमने ब्यक्तित्व पनपते जहाँ एक इनसान तैयर कइजाइत, ताकि ओकर माध्यमसे पारिवारिक विकास के क्रम जइसे ही जारी रहे आइसे हम्मन समाज विकसित रहे । आजकल पारिवारिक परिवेशके इ क्रममे कइ तरहके दरार देखेक मिलत । प्रायःलोगनके बीचमे तकरोरे होइते रहत । रिस्तामे बँधेक बाद आउर थोडा दिन साथ रहेक के बाद कुछ अइसन होइत कि लोग फिर एकदुसरेके साथ रहेक पसन्द नाइ करेलन, स्वतन्त्र रहेक चाहेलन आउर फिर शादीसुदा लोग तलाक के कदम उठा लेहेलन । तलाक यनि अइसन दरार जाउन कि कानूनि तौर पर रिश्ताके तोड देहना आउर ओके एकदुसरेसे अलग कइ देहना हो ।

भावानात्मक सहयोग आउर प्रेरणा यी दुइ अइसन चीज हो जउन हर इनसानके सबसे बडा जरुरत हो । इ नाइ रही ते ब्यक्तिके हौसला बीच राहीमे ही दम तोड देइ । उहेक नाते परिवार के जरुरत होइत । काकरेकि यहाँ सब आपसमे जुडल रहेलन । आउर एक दुस्रे के हर तरह से मदद व सहयोग करेलन । परिवार के टूटेकसे बचाएक खर्तिन साथ रहेक बहुत जरुरी रहत । आउ पारिवारिक सम्बन्ध बनाएक रख्खेक लिए प्यार दरसाएक आउर जनाएक बहुत जरुरत रहत । उहेक नाते इ बहुत जरुरी बा कि परिवारमे हर त्यौहार हर विशेष दिन जइसे जन्मदिन, विवाह दिन आदि साथ साथ मिलके मनाइल जाय कि सब परिवार के लिए कितना खास हो । केतना विशेष हो तथा उनके विना परिवार कितना अधुरा बा आउर परिवारमे उनके कितना महत्वपूर्ण स्थान रहल बा कहिके महसूस होए ।

जिन्दगीके दौडमे हमरे प्राय शतरंज के खेलके लेखा एक दुसरेसे आगे निकर जाएली । एकदुसरेके प्रति हराएक चाहेली लेकिन पारिवारिक दायरेमे अइसन नाइ होइत । वहाँ न ते एक दुसरेक लिए खिलाफ चाले चली जाइत न ते आउर एक दुसरेके नुकसान के लिए कदम बढालइल जाइत । परिवार के कौनो सदस्य यदि गंभीर रुपसे बीमार होइगिल ते ओके इलाज केलिए सब जने मिलके पैसा खरच करेलन आउर कौनो किसिमके संकोच न कइके ओके दवाइ दरपन करेलन भली ही ओकर लिए ओके दुसरेसे पैसा कर्ज लेहेक पडे जेवर य मकान गिरवी रख्खेक पडे । इहे मेरके लइकनके अच्छा शिक्षा व परवरिशके लिए बाप महतारी प्रायःबहुत कष्ट झेलेलन । बहुत कुछ सहन करेलन, केतना मेरके दिक्कत परेशानीके सामना करेलन आउर पैसा जोडेलन आउर फिर ओनहनके पैसाके आपन लइकनके सुखद भविष्यके लिए प्रसन्न मनसे खरचा करेलन । ओनहन अइसन करेकमे दुख नाइ बल्कि परम सुख व सन्तोषके अनुभूति होइत । इहेमेरके परिवार ही रहेलन जहाँ लोग आपन नुकसान उठाके भी दुसरेकके फायदा कराएलन । इहे पारिवारिक भावनाके कारण ही ते परिवारके इतना महत्व रहल बा ।

परिवारके हर सदस्यके परिस्थतयाँ अलग रहत । उहेक नाते ओनहनके समस्या भी अलग रहत । परिवारके सब सदस्यके प्राथमिकता इहे रहत कि घर परिवारमे शान्ति सुकून व प्रसन्नता बनल रहे । आउर एकरे लिए एकदुसरेके सम्झना बहुत जरुरी रहलत बा । इहीमे आपसमे तकरार मे कब्बो कब्बो होइ जाइत । हालाकि पारिवारिक झगडा आपसी मनमुटाव आज हर घरके समस्या बन गइल बा । आउर मनोचिकितसकके इ कहना बा कि आज जीवनशैली ही अइसन होगइल बा कि पडोस ही नही परिवारके लोगनकेमे भी दुरिया बढत नजर आ रह बा । परिवार आज बडा संकटके दौडसे गुजर रहल बा । परिवार आज बडा संकटके दौडसे गुजर रहल बा । कारण स्पष्ट बा कि पारिवारिक सदस्य लोगनमे मे सहज संवादके कमी होइत जा रहल बा ।

इ सच बा कि यदि पारिवारिक रिश्तामे आपसी संवाद के कमी होइ ते रिश्तामे एक अनजाना सा खिचाव आ जाइत । मोबाइल एक उ जरिया हो जेकर माध्यमसे दुइ लोग आपसमे जुडेलन । बातचीत करेलन आउर धीरे धीरे ओनहनमे उक मजबूत रिश्ता बन जाइत । दुर्भाग्यबश पारिवारिक जीवनमे मोबाइल आज एक अइसन साधन बनत बा कि जेकर कारण लोग एक अइसन ब्यस्त भइल बाटन कि समय नाइ दइसेकत बाटन उहेक नाते ओनहनमे एक आपसमे आपन रिश्ताके देखभाल कयना भी दुसु्वार हो रहल बा ।

आज पारिवारिक जीवनसे जुडल केतना तरह के चुनौति बा जइसे कि आर्थिक तनाव, पारिवारमे कौनो सदस्यके बीमारी, पति पत्नीके झगडा, सास बुहके नो झोक भइयामे तकरार, बडा छोटके बीचमे प्रेम न होयना के समस्या इत्यादि रहल बा । जेनहनमे परिवार प्राय रुबरु होइत रहेलन । हर समस्या के हल तलाश कइ सेकजाइत । उहेक नाते आवश्यकता बा कि पारिवारिक सदस्यमे संवाद बढाइल जाय न कि विवाद । बडा बुजुर्गसे सल्लाह भी लेहेक आवश्यक रहत । अइसन समस्यके हल सल्लाह सुझाव लइके भी समस्याके समाधान कइ सेकजाइत । फिर कौनो मनोचिकित्सक के मदद भी लइसेक जाइत । जेकेसे आपन बात खुलके कइ जा सेकजाइ आउर समस्या के समाधान ढूढ सेकजाइ । इहे मेरके पारिवारिक दायरेमे समस्या ते आइत जाइत । लेकिन इ समस्यासे निपटेक लिए बडा लोगनके सल्लाह भी लेहेक बहुत जरुरी रहत । आउर ओनहन आपनसे छोट लोगनके समझदार बनाएक होइत आउर ओनहन भी सल्लाह सहमतिमे नियानेक बहुत आवश्यक रहत । अइसन कइलेसे परिवार के अइसन बगिया सुविकसित होइ आउर नष्ट नाइ होइ सेकी ।

(लेखक कपिलवस्तुबाट पत्रकारिता गर्छन् ।)

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