राम दहित
धनगढी, पुस १६ गते । नेपालके संविधानके धारा २९६ के उपधारा (१) बमोजिमके व्यवस्थापिका–संसदसे बनाइल आयोगहे अधिकार सम्पन्न बनाई पर्नामे एक कार्यक्रममे जोड देहल बा ।
शुकके नागरिक संवाद केन्द्रसे धनगढीमे आयोजित नागरिक संवाद कार्यक्रमके सहभागीहुक्रे टमान समुदायके हकहित, सम्बद्र्धन, सशक्तीकरण, भाषा, लिपी, संस्कृति इतिहास, परम्परा, साहित्य कलाके संरक्षणके लाग बनाइल आयोग अधिकार सम्पन्न हुइ पर्नामे जोड देलै ।
थारु नागरिक समाजके संयोजक दिलबहादुर चौधरी टमान समुदायके बनाइल आयोग पाङगुके संज्ञा देटी ऐन नियमहे सिफारिस किल नाइकैके उहीहे सरकारसे कार्यान्वयन करकलाग आदेशात्मक हुइ पर्नामे जोड डेहल रहिट । ओस्टके उहाँ देशमे संघीय प्रदेशके संरचना आसेकलओरसे प्रादेशिक आयोगके परिकल्पनाके साथे अपनत्व महशुस कैना मेरके हुइपर्ना सुझाव डेलैं ।
पूर्वसांसद मालामति रानाथारु आदिवासी जनजाति ओ खासकैके थारु आयोगउपर स्पष्टरुपमे जाति, समुदाय उल्लेख करेपर्नामे जोड डेहल रही । उहाँ आदिवासी जनजाति ओ थारुनकेलाग बनल आयोगमे कौन–कौन आदिवासी जनजाति ओस्टके थारु समुदायहे समावेशकैना कहिके प्रष्टरुपमे उल्लेख करे पर्नामे जोड डेली । ओस्टके उहाँ आयोग पूर्ण सामानुपातिक ओ अपनत्वबोधसहित अधिकार प्राप्त हुइना मेरके बनाइपर्ना सुझाव फेन डेली ।
नेपाल आदिवासी जनजाति महासंघके कोषाध्यक्ष केशव थिङ लामा विधेयकमे निश्चित जाति, समुदाय प्रष्टरुपमे समावेश करेपर्ना औल्याइल हुइट । उहाँ आदिवासी जनजाती, थारु, मधेसी ओ मुस्लीम सामुदायके हकहित संरक्षण, सम्बद्र्धन, भाषा, लिपी, संस्कृति इतिहास, परम्परा, साहित्य कलाके संरक्षणकेलाग बनल विधेयकमे निश्चित जाति, समुदाय उल्लेख करेपर्ना बटैलैं ।
फोरम लोकतान्त्रिकके गोविन्दराज रानाथारु आयोगमे आदिवासी जनजातिलगायत थारु, रानाथारु, मधेसी, मुस्लिमहुक्रनके हकअधिकार, पहिचानहे सुक्ष्म तरिकासे अध्ययन अनुसन्धान करेपर्ना जरुरी रहल बटैलै । थारु आयोग बनल मने थारु भित्तरफे रानाथारु, कठरियालगायत तमान थर रहल ओरसे ओइनकेफे परिभाषा खुलाई पर्नामे जोड देहल रहिट ।
अधिवक्ता जोहारीलाल चौधरी आदिवासी जनजाति, थारु आयोगलगायत अन्य आयोगहे फेन राष्ट्रिय आयोग बनाइ पर्ना बटैले रहिट । ओस्टके उहाँ आयोगके क्षेत्राधिकारसहित थारु क्लस्टर छुट्याई पर्नामे विशेष जोड देलैं ।
कार्यक्रममे अधिवक्ता नाथुराम महतो आयोगहे योजनातर्जुमा, कार्यक्रमलगायत सिफारिस करल नीति नियमहे कार्यान्वयन करेपैना अधिकार हुइपर्ना बटैलैं । अधिवक्ता सर्जु चौधरी आयोगमे स्वायत्तता नाइरहल बटैटी आयोगसे न्यायहे सम्बोधन करे सेकठ् कि कना जिज्ञासा राखल रहिट । साथे उहाँ आयोगसे नीतिनियम बनैना किल बड्वार नाइहोके उहीहे व्यवहारमे लागु करेपर्ना बटैले रहिट ।
अधिवक्ता कुलानन्द उपाध्याय राजनीतिक नेचरसे बनल तमान आयोग १० बर्षपाछे रहना की नैरहना विषयमे बाट उठटी रहलबेला निश्चित मापदण्ड तोकेपर्ना आवश्यक बटैलै । अभिनसम बनल टमान आयोग सरकारहे खाली सिफारिस कैनाकेल हुइल ओरसे निश्चित मापदण्ड तोक्ना जरुरी रहल बटैलै ।
कार्यक्रममे थारु विद्यार्थी समाजके केन्द्रीय उपाध्यक्ष ठाकुरप्रसाद थारु आदिवासी महिलालगायत तेस्रो लिङगीहुक्रनके अधिकारकेलाग निश्चित आयोगसे सुनिश्चिता हुइ पर्ना औल्याइल रहिट ।
कार्यक्रममे मुस्लीम सेवा समाजके मोहना अन्सारी, एफएनएनके नाजिया बानु, मुस्लिम आयोगके सदस्य गुलाम रसुल आयोगमे मुस्लिम बार एशोसियसन हुइ परना सुझाव डेहल रहिट । ओस्टके सदभावना पार्टीके केन्द्रीय सदस्य मुनेन्द सिंह आयोग आपनमे सम्पन्नता हुईना आवश्यक रहल बटैले रहिट ।
कार्यक्रममे उच्च स्तरीय छानविन आयोगके सदस्य खुशीप्रसाद थारु आदिवासी जनजाति ओ थारु आयोगके सम्बन्धमे व्यवस्था कैना बनल विधेयक बारे आपन प्रस्तुती राखल रहिट । साथे उहाँ पस्तुत करल विधेयकउपर डेहल सल्लाह सुझावके सहजीकरण करल रहिट ।
ओस्टके नेपाल बार एशोसियसनके केन्द्रीय उपाध्यक्ष उषा मल्ल पाठक मधेसी ओ मुस्लिम आयोगके सम्बन्धमे व्यवस्था कैना बनल विधेयकबारे आपन पस्तुती राखल रहिट । साथे उहाँफेन पस्तुत करल विधेयकउपर डेहल सल्लाह सुझाव उपर सहजीकरण करल रहिट ।
उहाँहुक्रे आदिवासी जनजाति, थारु, मधेसी, मुस्लिम आयोगके सम्बन्धमे व्यवस्था कैना बनल विधेयकके परिभाषा, अध्यक्ष तथा सदस्यके योग्यता, पद रिक्त हुइना अवस्था, काम कर्तव्य, अधिकार, आयोगके कार्य सञ्चालनबारे आपन प्रस्तुती राखल रहिट ।
नेपाल बार एशोसिएसन कैलालीके अध्यक्ष प्रेम चन्दके घरगोसियाइमे हुइल कार्यक्रमके सञ्चालन नागरिक समाजके प्रमुख नरेन्द्र शाह रहल रहिट । ओस्टके कार्यक्रममे स्वागत मनतब्य रेणु प्रधान श्रेष्ठ करले रहि ।
कार्यक्रममे राजनीतिक दलके प्रतिनिधी, जातिय संघ संगठनके प्रतिनिधी, महिला अधिकार कर्मी, मानव अधिकारकर्मी लगायतहुक्रनके सहभागिता रहल रहे । टमान समुदायके हकअधिकारके लाग गठन हुइल आयोग सरकारहे अपने काम नाइकरके सिफारिस केल करेसेक्ना व्यवस्था बनाइल बा ।