थारु गाउँमे रहल रोगव्याधि निकासीके लाग भजहर पूजा


Vajahar1

राम दहित
कैलाली, बैशाख २८ गते । गाउँघरमे रहल रोगव्याधि, किराकाटी लगायत कुतत्वहे गाउँसे निकासी करकलाग भुईयाँफाँटाबासीलोग मंगरके बड्का भजहर मनैले बाटै ।

गाउँक देशबँन्धिया गुरुवा रामु चौधरी गाउँमे रहल तमानमेरिक रोगव्याधि, दुःख बिमार, पशुपन्छीनमे लग्ना रोग, किराकाटी, मच्छरीनहे गाउँसे निकासी कैके गाउँहे शुद्ध बनाईक लाग बड्का भजहर पर्व मनाईल बटैलै ।

उहाँ थारु समुदायमे भजहर पर्व पुर्खा पुरनियासे मनैती आईल ओरसे एकओर पर्वहे निरन्तरता देनाके साथे लौव युवापिंढीनमे यिहीहे हस्तान्तरण कैना काम हुइल बतैलैं । यिहीसे आपन सांस्कृतिहे लोप हुईनासे बचाईक लाग फेन भजहर पर्व मनाईल उहाँके कहाई बा ।

गाउँक दोसर गुरुवा डण्डीराम चौधरी भजहरपर्व गाउँबासीनके लाग दुखसुख साटासाट कैना पर्व रहल बटैलै । उहाँ भजहर पर्व रोगव्याधिहे गाउँसे दुर भगैना पर्व हुईनाकेसाथे एकऔरेक दुखसुख साटासाट ओ एकाापसमे रमैना पर्वके रुपमे रहल बटैलै ।

गाउँक दोसर गुरुवा डण्डीराम चौधरी भजहरपर्व गाउँबासीनके लाग दुखसुख साटासाट कैना पर्व रहल बटैलै । उहाँ भजहर पर्व रोगव्याधिहे गाउँसे दुर भगैना पर्व हुईनाकेसाथे एकऔरेक दुखसुख साटासाट ओ एकाापसमे रमैना पर्वके रुपमे रहल बटैलै ।

गाउँके सुभद्रादेवी चौधरी भजहरपर्व महिला हुक्रनके स्वतन्त्रताके पर्व रहल बटैली । उहाँ भजहरमे एकदिन रमाई पैलेसे फेन आपन बर्सौदिनके दुखकष्ट, मनक चिन्ता हेराके जैना बटैली । ओस्तके फुलकुमारी चौधरी भजहर पर्व आपनजस्ते अविवाहित लवण्डीनके लाग हासखेल कैके रमैना पर्व रहल बटैली ।

उहाँ यी पर्वमे तमान पौराणिक खेल कोईली दिदी, कबड्डी, ताराचिरौवर, नुकिकसाँधा लगायत तमान खेल खेल्टी रमाके भजहर मनैना   बटैली । रतनपुर गाविस अन्र्तगतके वडा नं. ४, ८ ओ ९ के चारसय घरधुरीके सक्कु घरक किसान, बालबच्चा गाउँक नर्सरीमे भजहर मनाईल गाउँके भलमन्सा पतिराम चौधरी जानकारी देलै ।

ओस्तके वडा नं. ७ रामपुरके गाउँबासीहुक्रे फेन मंगरके रोज बड्का भजहर मनाईल गाउँक भलमन्सा चतुरलाल चौधरी जानकारी देलै । थारू समुदायके ऐतिहासिक, साँस्कृतिक ओ धार्मिक पूजाकेरुपमे भजहर पर्वहे मनाजाईठ् ।

भजहर भग्ना समयमे एकरुपता नैरहलेसे फेन गाउँपिच्छे आपन–आपन समय मिलाके मनैटी आइल बाटै । थारू बृद्धिजीविनके अनुसार पहिले–पहिले गाउँसे दुर एक अठ्वारसम झोप्रा बनाके भजहर मनैना प्रचलन रहे । मने कुछ बरष याहोर एक दिन किल मनाईल पाजाइठ् ।

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