हेर्ती हेर्ती विद्यालयसे विद्यार्थी चट


Pabera

राम दहित
पवेरा, साउन २ गते । कुछ बरस पहिले विद्यालयके भौतिक संरचना नाई होके विद्यार्थी खुल्ला चौरमे पह्रना बाध्य रहिट । गाउँके सक्कु अभिभावकहुक्रनके रोजाईमे फेन परल रहे सर्वोदय प्रावि । विद्यार्थी फेन सर्वोदय स्कूलमे पह्रना इच्छा जगाईट । मने ओहे स्कूल आज सुनसान हुईल बा ।

विद्यालयके आपन तीनठो पक्की भवन । पर्याप्त बेन्च कुर्सी, मने विद्यार्थीनके संख्या न्यून बा । कैलालीके पवेरा–६, बैजपुरस्थित सर्वोदय प्राथमिक विद्यालयमे यी शैक्षिक सत्रमे विद्यार्थीनके संख्यामे एकाएक कमी आईल हो ।

‘हमार स्कूलमे शैक्षिक सत्र २०७२ मे दुई सय ५० विद्यार्थी रहिट, अब्बे घटके ३२ जनहनमे सीमित हुईल बा’विद्यालयके सहायक प्रधानाध्यापक हरिनारायण चौधरी कहलै–अस्तहे रही कलेसे विद्यालय बन्द हुईना अवस्था आइसेकी ।

‘हमार स्कूलमे शैक्षिक सत्र २०७२ मे दुई सय ५० विद्यार्थी रहिट, अब्बे घटके ३२ जनहनमे सीमित हुईल बा’विद्यालयके सहायक प्रधानाध्यापक हरिनारायण चौधरी कहलै–अस्तहे रही कलेसे विद्यालय बन्द हुईना अवस्था आइसेकी ।

सर्वोदय विद्यालयमे कक्षाकोठा सहित भौतिक सुविधाके कमीकेकारण विद्यार्थी घटल नाई हुईट । वि.सं. २०६५ असोज ४ गते भिषण पानीसंगे आईल बड्का बाढसे पुरा गाउँ विस्थापित हुई पुगल ओरसे विद्यार्थी संख्यामे कमी आईल हो ।

विद्यालयके नौठो कक्षा कोठासहित तीन पक्की भवन बावै । दुईठो शौचालय बावै । खानेपानीके व्यवस्था रहल बावै । मने, दरबन्दीके शिक्षक नाई हुईट । विद्यालयमे आन्तरिक आयस्रोतके अभाव रहल बा । परिणामस्वरुप विद्यालय बन्द हुईना अवस्थामे पुगल बा ।

विद्यालयमे दुईजने शिक्षकके राहत दरबन्दी बा । मने एक वर्षसे दरबन्दीके दुनुजने शिक्षक काजमे अन्यत्र गैल बाटै । विद्यालय चलाईकलाग निजिस्रोतसे दुई शिक्षक ओ तीन शिक्षिका राखलमे हाल स्रोतके अभावमे तलब देना कठिनाई हुईटी रहल प्रधानाध्यापक चौधरी बटैलै ।

सर्वोदय विद्यालयमे कक्षाकोठा सहित भौतिक सुविधाके कमीकेकारण विद्यार्थी घटल नाई हुईट । वि.सं. २०६५ असोज ४ गते भिषण पानीसंगे आईल बड्का बाढसे पुरा गाउँ विस्थापित हुई पुगल ओरसे विद्यार्थी संख्यामे कमी आईल हो ।

‘शैक्षिकसत्र २०७२ से दरबन्दीके दुनु शिक्षक काजमे गैल बाटै’। प्रधानाध्यापक चौधरीकेअनुसार स्रोतके अभावमे निजीस्रोतमे राखल पा“चजने शिक्षकहे तलब देहे नाई सेकल हो ।

विद्यालय २०४९ सालमे जिल्ला शिक्षा कार्यलयसे स्वीकृति पाईल रहे । विपन्न समुदायके बालबालिका पठनपाठन कैना ऊ विद्यालयमे अभिभावकसे विद्यालयहे भर्ना वा औरे कौनो मेरके शुल्क तिरे नाई सेकलपाछे विद्यालय सञ्चालन कैना बहुट कठिनाई हुईटी रहल उहाँ बटैलै ।

विद्यालय व्यवस्थापन समितिसे विद्यार्थीनसे सामान्य शुल्क लेना निर्णय कैके अभिभावकहुक्रनहे अनुरोध करलमे अभिभावकहुक्रे आ–आपन बच्चनहे वहाँसे निकारके औरे विद्यालयमे भर्ना करल बटैलै । ‘एकजने अभिभावक फेन विद्यालयहे सहयोग करे नाई मन्लै’उहाँ कहलै– बरु सक्कुजे धमाधम आपन बच्चनहे औरे विद्यालयमे भर्ना करलै ।

विद्यालयके रहल ११ कठ्ठा जग्गा वार्षिक दुईलाख रुपैया“मे एकठो संस्थाहे भाडामे देहल जनैले बा । विद्यालय उहे रकमसे शिक्षकहे तलब खवैटी आईल बावै । यहोर सर्वोदयमे दरबन्दीमे रहल दुईजने शिक्षकहे झट्टे काजफिर्ता कैना जिल्ला शिक्षा अधिकारी मानसिंह बिष्ट बटैले बाटै ।

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