थारू महिलाहुक्रे अष्टिमकीक् भिन्स¥या खैलै


Astamee

राम दहित
धनगढी, भाद्र ९ गते । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (अष्टिमकी) के निराहर ब्रत रहेकलाग थारु महिलाहुक्रे पूर्वसन्धयामे बुधक रात दर (भिन्स¥या) खैले बातै ।

आज (विफेक रोज) निराहर ब्रत रहेकलाग थारु बसोबास रहल सक्कु गाउँमे भिन्स¥या खागिल हो । थारु समुदायके चलनअनुसार आधारातके मुर्घीबोल्ना आघे पकाके खासेके परथ । जिहीहे थारु समुदायमे भिन्स¥या खैना कहथै । मने खैटीखैटी मुर्गा बोली कलेसे खाई नैपैठै, खैलेसे दुठेहरु कहिजाईठ् । जे खाइठ् ऊ अष्टिमकीके ब्रत रहे नैपाइठ् ।

थारु समुदायमे अष्टिमकीक वेग्लै महत्व बा मने आजकाल्ह बहुतसे दिदीबाबु बजारमे मिल्ना पोष्टरमे टिकालगैना चलन बह्रती गैल ओरसे हमार लोककला नाहेराए कना उद्देश्यसे सक्कु दिदीबाबु एक्के ठाउँमे पुरान चलनअनुसार अष्टिम्की बनाके टिका लागल थारु नागरिक समाजके संयोजक दिलबहादुर चौधरी बटैलै ।

थारु समुदायमे यी चलन पहिलेसे चल्टी आइल ओरसे दर (भिन्स¥या) खाइल थारु महिला सञ्जालके सदस्य राजकुमारी महतों बटैली । थारु समुदायमे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (अष्टिमकी) फरक तरिकासे मनैती आइल बाटै ।

अष्टिम्की टिहुवार थारु महिलाके साझा टिहुवार रहल ओरसे आघेक बरषजस्ते यी सालफे धनगढी उपमहानगरपालिका–५ जाईक गाउँक डेउठन्वा भवनमे सक्कु दिदीबहिनिया मिल्के अष्टिमकी टिक्ना कार्यक्रम बनाइल जाई गाउँक भल्मन्सा कुलविर चौधरी बटैलै ।

अष्टिम्कीके ब्रत रहलपाछे दिनभर एकबुँद पानीफे पिए नैमिलठ् । दिनभर ब्रत रहिके दिन बुरलपाछे अष्टिम्की टिकटाक करके फलफुल ओ पानीकेल पिए मिलठ् ओ रातभर जग्राम बैठके कृष्णअष्टमीके गीत गाजाइठ् ।

ओ सकारे फेरसे अष्टिमकी टिकके सुरुक साँझक ओ विहान टिकल फुला, गाँस दिया आछत लदया कुलुवामे पुहगाके फरहर खैना ओ भोजविहा हुइल अपन चेलीवेटिनहे अग्रसान देना चलन बा ।

तपाईको प्रतिक्रिया