समाचार विश्लेषण
काठमाडौं, अगहन ७ गते । आपन माग पूरा कराइकलाग थारु समुदाय दोसर चरणके आन्दोलन अगहन ५ गतेसे शुरु कर्ले बा । मने आन्दोलनके प्रभाव शुरुवाती समयमे पहिलेक् तुलनामे कमजोर देखगिल बा ।
मधेसमे मधेसीनके आन्दोलन चर्कलबेला ऊ आन्दोलनहे बल पुग्नागरी शुरुहुइल थारु आन्दोलनके प्रभाव तराईमे खासे परे नै सेकल हो । दिनके फाट्टफुट्ट जिल्लामे ओकर प्रभाव पर्लसेफे रातके नाइटमे चल्ना गाडी सुचारु बा । सुरक्षाकर्मीहुक्रे सुरक्षा देके यात्रुबाहक बसहे गन्तव्यमे पुगैना काम करतैं ।
थारु कल्याणकारिणीसभा ओ थरुहट÷थारुवान संयुक्त संघर्ष समिति दोसर चरणके आन्दोलनमे राजमार्ग ओ सीमा केन्द्रित बनैना घोषणा कर्ले रहे । मने घोषणा अनुसारके आन्दोलनके सक्रियता आन्दोलन शुरुहुइल तीन दिनसमफे देखा नै परल । कैलालीके कुछ ठाउँमे गाडीमे तोडफोड ओ आगजनी बाहेक पश्चिम नेपालके अन्य जिल्लामे आन्दोलनके प्रभाव शुन्यप्राय रहल । पूर्वी थरुहट जिल्लामे मधेस आन्दोलनके कारण आन्दोलनके प्रभाव परल बा ।
जिल्लामे थारु आन्दोलनकारी सक्रिय रलसेफे काठमाडौंमे रहल संघर्ष समिति सुतल बा । फेसबुकमे विरोधके स्टाटस् ओ एक आपसमे टिकाटिप्पणी कर्ना बाहेक कौनो आन्दोलनके काम प्रभावकारी नै देखगिल हो । मधेसी समुदाय हुक्रनसँग सहकार्य कर्ना, कार्यक्रममे भाग लेना ओ कोन्टी बैठक कर्ना बाहेक केन्द्रमे कुछ कार्यक्रम हुई नैसेकल हो ।
संघर्ष समितिके कात्तिक २३ गतेक् निर्णयके (३) नम्बर बुँदाअनुसार अगहन ७ गते काठमाडौंमे संविधानके पहिचान विरोधी धारा जरैना कार्यक्रम तय हुइल रहे । समितिके आव्हानमे विजुलीबजारस्थित पुलमे ऊ धारा जरैना कार्यक्रम तय हुइल आयोजक बतैले रहे । समितिसे पत्राचार ओ उपस्थितिकेलाग थारु लोगन निउँताफे देगिल रहे । मने उपस्थिति नै हुइलपाछे पहिचान विरोधी धारा जरैना कर्याक्रम हुई नैसेकल । कार्यक्रम स्थगित कैगिल ।
चार–पाँचजने सांसद, तीन चारजाने विद्यार्थी ओ कुछजाने थारु कल्याणकारिणीसभाके कार्यकर्ता बाहेक केक्रो उपस्थिति हुई नैसेकल । जेकर कारण तय हुईल कार्यक्रम विना सम्पन्न हुइले स्थगित हुइल । बोलागिल ठाउँमे सांसदहुक्रे तेजुलाल चौधरी, गोपाल दहित, गौरीशंकर चौधरी, मिना चौधरी ओ गंगा चौधरीके उपस्थिति हुइल रहे । मने उपस्थिति न्यून बा कहिके उहाँहुक्रे कुछबेरमे निकरगैलैं ।
थारु कल्याणकारिणीसभा उपत्यका समितिसे पृथ्वी चौधरी, थारु विद्यार्थी समाजके चन्द्रप्रसाद थारु, ओम थारु, शैलेन्द्र चौधरी, लगायतके उपस्थिति रहे । काठमाडौंमे करिब दुईलाख थारुन्के बसोबास बा । मने उपस्थिति बढीमे पन्ध्र जनहनके रहे । कार्यक्रम बिन हुइले सबजे आपन ठाउँओर लग्नैं । समाचार तयार करकलाग थारु पत्रकार संघ नेपालमे आवद्ध पत्रकार हुक्रनफे आमन्त्रित कैगिल रहे मने केक्रो उपस्थित नैरहल ।
मधेसी नेताहुक्रे तराईमे दुई प्रदेशके माग राखके आन्दोलनमे बातैं । पुरुवमे मधेस प्रदेश ओ पश्छिउँमे थरुहट । थारुनके माग मधेसी समुदाय उठाइतैं । थारु आन्दोलनके माग का हो संघर्ष समिति अपनहँ विवादमे बा । थारु नेतालोग एक ठाउँमे बैठके साझा निर्णय करे नैसेक्ले हुइँत् । यी अवस्थामे थारुनके आन्दोलनके उठाइल माग सरकार सुनुवाई करी त ?
मधेसीलोग अधिकार पाइकलाग तराई टुक्र्याई परी त तयार हुइना कहतैं मने थारुलोग ऊ बात स्वीकार करे नैसेक्हीं । राष्ट्रियताके खिलापमे थारुलोग जाइसेक्ना अवस्था नै हो । मधेसीनहे नागरिकताके समस्या बातिन् । थारुनकेलाग नागरिकता कौनो समस्या नै हो । मधेसी लोग भारतसे भोज करके आइल नागरिक लोगनहे तत्काल अंगीकृत नागरिकता देहेपर्ना कहथैं मने थारुनकेलाग यी कौनो समस्या नै हो ।
मधेसी समुदायकेलाग प्रदेश नम्बर २ तय कैगिल बा मने थारुनकेलाग कौनो प्रदेश नै हो । मधेसीनकेलाग मधेसमे प्रदेश मिले सेकता कलसे थरुहटमे थारुनक्लाग काहे नै ? जिज्ञासा थारु समुदायके बातिन् । राज्यके सक्कु निकायमे जनसंख्याके आधारमे समानुपातिक समावेशी प्रावधान हुईपर्ना एजेण्डा थारु ओ मधेसी दुनु समुदायके एक देखपरल बा ।
थारु युवालोग सामाजिक सन्जालमे प्रतिक्रिया बाहेक कुछु करे नैसेक्थुइँत् । ओइने कहतैं थारु आन्दोलन भगवान भरोसे चलता । जिल्ला गरम हुइता मने काठमाडौं नरम बा । थारु सांसदलोग मधेसी सांसद हुक्रन्से मिलके संसद बैठक अवरुद्ध करतैं मने ओकर जस मधेसीन्हे जाइता । ओइसिक त थारु ओ मधेसीनके मागमे कुछ समानता ओ बहुत फरक बा । संयुक्त संघर्ष समिति आपन ठोस एजेण्डा बनाके दवावके कार्यक्रम कर्नामे ध्यान देहे सेके परल ।
संघर्ष समितिके नेतृत्व के करता ? थारु आन्दोलनकारी स्वयम् अन्योलमे बातैं । सभाके अध्यक्ष धनीराम चौधरी टीकापुर घटनासे अर्धभूमिगत बातैं । राजकुमार लेखी जिल्ला दौडाहामे बातैं । मने संघर्ष समितिके नेतृत्व तहमे थारु सांसद, विद्यार्थी, सभाके प्रतिनिधि बातैं । आन्दोलन शुरु हुइल दिनसे नेतृत्वके विषयमे आभिनसम थारु नेताहुक्रनबीच विवाद कायमे बा । ऐसिन अवस्थामे थारु आन्दोलन भगवान भरोसे नै चली त ?